व्यापार और वैश्वीकरण
उदारीकरण के बाद के वस्त्रों के उत्पादन और बाजार आधार में व्यापक बदलाव आया है। क्षेत्रीय विनियमों के उन्मूलन के साथ, वस्त्रों के उत्पादन और मांग पैटर्न में विविधता का अनुभव हुआ है। इसी प्रकार वस्त्र और परिधान के व्यापार और निर्यात पैटर्न में भी यह स्थिति पायी गई है। इसके अलावा, विश्व व्यापार संगठन (डब्ल्यूटीओ) के क्षेत्र में डोहा विकास राउंड की शुरुआत ने भी वस्त्रों में अंतरराष्ट्रीय व्यापार को प्रभावित किया है। इस वैश्वीकरण की प्रक्रिया ने वस्त्र और परिधान (टी एंड सी) क्षेत्र की संभावनाओं पर भी प्रभाव बनाया है। 2005 में कोटा शासन के उन्मूलन के बाद, वैश्विक एकीकरण की गति में तेजी आई, जिसके परिणामस्वरुप वैश्विक व्यापार वस्त्रों को प्रेरणा मिली ।
वैश्वीकरण की प्रक्रिया ने न केवल अवसर पैदा किए हैं बल्कि कई चुनौतियां भी लाई हैं। इन चुनौतियों को कम करने और घरेलू तथा अंतर्राष्ट्रीय बाजारों में बेहतर प्रदर्शन के लिए क्षेत्र को मार्गदर्शन करने के लिए, बाजार अनुसंधान विभाग ने टीएंडसी क्षेत्र से संबंधित अंतर्राष्ट्रीय व्यापार और वैश्वीकरण पर अनेक कार्य आरंभ किए हैं ।
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